ना भजन में बसता 🔸है, ना अजान में बसता है.
यह लोकतंत्र भारत की शान है, जो 🔸संविधान में बसता है
मेरे देश की 🔸भी क्या शान है
यहां कोई हिंदू तो कोई 🔸मुसलमान है
पर आ जाए 🔸आफत देश पर
कोई लुटा दे अपनी 🔸जान है
मैं कर्मों से हिंदू, 🔸में कर्मों से मुसलमान हूं।
बहती गंगा में भी सुनाई दे मैं 🔸वह अजान हूं।
हाथ में गीता 🔸और जुबां पे कुरान हूं।
हर भारतीय के दिल में बसता 🔸मैं हिंदुस्तान हूं।
हो हिंदू या 🔸मुसलमान तुम,
तो🔸 बेवजह मर जाओगे।
बन गए इंसान🔸 कभी तुम,
तो वतन के🔸 काम आओगे
निकलो मंदिर,🔸 मस्जिद से और निकलो गुरुद्वारो से।
करो देश की आज हिफाजत,🔸भीतर के गद्दारों से।