Meaningful Shayari Rahat Indori

ऐसी सर्दी???? है कि सूरज भी दुहाई मांगे
जो हो परदेस में वो किससे रजाई मांगे !

दो ग़ज सही ये ????मेरी मिल्कियत तो है
ऐ मौत तूने मुझे जमींदार???? कर दिया।

रोज़ तारों को???? नुमाइश में ख़लल पड़ता है
चाँद पागल है अंन्धेरे में ????निकल पड़ता है।

छू गया जब ????कभी ख्याल तेरा
दिल मेरा देर तक ????धड़कता रहा।
कल तेरा जिक्र छिड़ गया???? था घर में
और घर देर ????तक महकता रहा।

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