न हम-सफर न???? किसी हम नशीं से निकलेगा,
हमारे पाँव का काँटा है हमीं ????से निकलेगा !
राह के पत्थर से ????बढ़ कर कुछ नहीं हैं मंज़िलें
रास्ते आवाज देते हैं सफर ????जारी रखो !
कहीं अकेले में मिल???? कर झिंझोड़ दूँगा उसे
जहाँ जहाँ से ????वो टूटा है जोड़ दूँगा उसे
रोज़ तारों को ????नुमाइश में ख़लल पड़ता है
चाँद पागल है अँधेरे में निकल ????पड़ता है
मोड़ होता है जवानी ????का सँभलने के लिए
और सब लोग यहीं आ के फिसलते ????क्यूं हैं
एक चिंगारी ????नज़र आई थी
नींद से मेरा ताल्लुक़ ही ????नहीं बरसों से
ख़्वाब आ आ???? के मेरी छत पे टहलते क्यूं हैं